सोमवार, 20 जनवरी 2025

घरेलू नुस्खे की कविता c / p

यह कविता आज से पचास साल पहले एक हकीम साहब ने कही थी, जो कवि भी थे।

जहां तक काम चलता हो ग़िज़ा से
वहां तक चाहिए बचना दवा से

अगर ख़ून कम बने, बलग़म ज्यादा
तो खा गाजर, चने, शलज़म ज्यादा

जिगर के बल पे है इंसान जीता
ज़ोफे(कमजोरी) जिगर है तो खा पपीता

जिगर में हो अगर गर्मी का एहसास
मोरब्बा अमला खा या अनानास

अगर होती है मेदा में गिरानी(भारीपन)
तो पी ली सौंफ या अदरक का पानी

थकन से हो अगर अज़लात (मांसपेशियाँ) ढीले
तो फ़ौरन दूध गरमा गरम पी ले

जो दुखता हो गला नज़ले के मारे
तो कर नमकीन पानी के ग़रारे

अगर हो दर्द से दाँतों से बेकल
तो उंगली से मसूड़ों पर नमक मल

जो ताक़त में कमी होती हो महसूस
तो मिस्री की डली मुल्तान की चूस

शफ़ा चाहिए अगर खांसी से जल्दी
तो पी ले दूध में थोड़ी सी हल्दी

दमा में ये ग़िज़ा बेशक है अच्छी
खटाई छोड़ खा दरया की मछली

अगर तुम्हें लगे जाड़े में ठंडी
तो इस्तेमाल कर अंडे की ज़र्दी

जो बदहज़मी में चाहे तू अफ़ाक़ा(आराम)
तो दो इक वक़्त का कर ले तू फ़ाक़ा(उपवास)
🤔

रविवार, 19 जनवरी 2025

Hard decisions gives Easy life

हमारे पास 2 विकल्प हैं
 1. आसान जीवन के लिए कठिन कार्य करें
 2. कठिन जीवन के लिए आसान काम करें

जब आपने स्वेच्छा से खुद को चुनौती देना चुना, तो आपके जीवन के अन्य क्षेत्रों में आरओआई अविश्वसनीय होगा।

मेरे लिए यह चल रहा है.
 90% समय मेरे लिए दौड़ना कठिन होता है

लेकिन अगर मैं सुबह 5 km घूमने जाती हूं, तो मुझे लगता है कि बाकी सब कुछ आसान है और मैं उस दिन किसी भी चीज से निपट सकती हूं।

कठिन कार्य करने से गति उत्पन्न होती है

किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जो जल्दी उठता है, कसरत करता है और गहन कार्य  करता है... सब कुछ सुबह 9 बजे से पहले

यह व्यक्ति काम से ठीक पहले बिस्तर से उठने वाले व्यक्ति की तुलना में पूरे दिन अधिक अनुशासित निर्णय लेने की अधिक संभावना रखता है
  • वह नया प्रोजेक्ट शुरू करें? हां!
  • दोपहर के भोजन के लिए पिज़्ज़ा? कोई मौका नहीं
  

ये छोटी-छोटी अनुशासित कार्रवाइयां बड़ा रूप लेने लगती हैं। आप अनुशासनप्रिय व्यक्ति के रूप में पहचाने जाने लगते हैं

 - अनुशासन स्वतंत्रता पैदा करता है
 - स्वतंत्रता से जीवन आसान होता है

आराम हमारी सबसे बड़ी दासता है

हमारे आराम क्षेत्र को छोड़ना सबसे कठिन काम है, लेकिन बढ़ने के लिए इसे करना ही पड़ता है

सुबह 5 बजे मेरा बिस्तर दुनिया का सबसे आरामदायक स्थान होता है। 7 डिग्री  temperature, गर्म  कम्बल , मैं बस बिस्तर पर वापस जाना चाहती हूँ

लेकिन अगर मैंने ऐसा किया, तो बाकी दिन मैं आराम चुनने के कारण खुद से परेशान हो जाऊँगी

यही बात आरामदायक नौकरी के लिए भी लागू होती है। सुरक्षित और आरामदायक, लेकिन आप जानते हैं कि आपमें कुछ बड़ा करने की क्षमता है

यदि आप आज सहज रहते हैं और असुविधाजनक रास्ता नहीं अपनाते हैं तो आप परेशान होंगे जीवन कठिन होने वाला है, चाहे अभी हो या बाद में। 

लेकिन हर चीज़ की तरह, यदि हमने अभी उनका सामना नहीं किया तो कठिनाइयाँ बड़ी बाधाओं में बदल जाएंगी। 

आइए आज इसके पीछे लग जाएं, कुछ कठिन कार्य करें जिसे आपका भविष्य स्वयं धन्यवाद देगा।
C/p facebook se

शनिवार, 18 जनवरी 2025

वीर महाराणा प्रताप को शत शत नमन

   मित्र जितेंद्र यादव ARP की कलम से


🇮🇳प्रताप का प्रताप🇮🇳

जीवन जिसका सारा बीता ,
 बरछी और कृपाणों में ।
 जान गई पर आँच न आई,
 बिछ गए तीर कमानों में ।

दुश्मन को देकर चुनौती,
आजादी का मूल्य चुकाया ।
घास की सूखी रोटी खाकर भी,
अकबर का मान घटाया था ।

महाकाल का वह भक्त निराला,
जय घोष पर अंबर डोला था ।
बैरी के मस्तक काटने को,
चेतक भी हर -हर बोला था।

धन्य वीर बलिदानी  को,
मातृभूमि अभिमानी को ।
धरा होती जिससे सुशोभित,
ऐसी अमिट कहानी को ।

रविवार, 12 जनवरी 2025

कभी बैठ भी लिया करो अपनेपन के लिए

 

कभी बैठ भी लिया करो अपनेपन के लिए 


अपनों के बीच अपनापन , क्या वास्तव में होता है  | कही अपने है तो अपनापन नहीं है  , और जहाँ अपनापन लगता है तो वो अपने नहीं है | जितना सच म्रत्यु है उतना ही सच छिपा है मेरी उपरोक्त पंक्तियों में | 
एक भ्रम जाल सा बना रखा है लोगों ने अपने बीच | खुश रहना सीख रहा है व्यक्ति लेकिन वो  खुश है नहीं , अब 
कौन समझाएं लोगों को की खुशियां सीखना नहीं है , जीवन जीना सकारात्मक रूप से यही ख़ुशी है |
कुछ ऐसा ही दिन रहा आज का |
मेरे एक रिश्तेदार { दूर के हालाँकि दिल से नहीं } आज शादी के चौदह वर्ष पश्चात सपत्नी उनके घर जाना हुआ 
उनकी पत्नी जो की मेरी दीदी लगती है कई बार हम लोगों को बुला चुकी थी  लेकिन अपनी पत्नी के साथ जाना नहीं हो पाया , आज अपने ही एक अन्य रिलेटिव के यहाँ उनके पति के  एक्सीडेंट से फ्रेक्चर की जानकारी हुई है तो हम दोनों उनके यहाँ चले गये | उनके पूरे परिवार को हमारे आने की ख़ुशी हुई और अपनापन जो की अंदर ही अंदर दिल से महसूस हुआ उसको मैं वर्णित नहीं कर सकता | बस ये संकल्पना की कि इस जीवन में अपनेपन के लिए ऐसे सच्चे और अच्छे लोगों ( दोस्त / रिश्तेदार ) के साथ बैठना चाहिए | उन्होंने  ना कोई शिका- शकवा किया ना कोई ताना दिया  शायद कहीं और होते तो पहली लाइन ही यह होती - इधर की राश्ता कैसे भूल गये भाई |
तो साथियों यही कहना है जीवन जिए खुश रहे , शिकवे ना करे , तुलना ना करे , घर से बाहर काम के अतिरिक्त जब भी निकले शुकून के लिए निकले और घर लाये ढेर सारी सकारात्मकता |
नमस्ते भाइयो | 


गुरुवार, 9 जनवरी 2025

MY FIRST DRIVE ON HILLS


MY FIRST DRIVE ON HILLS

इन्सान क्या है ? एक ऐसी ईश्वर की संरचना जिसमें चाह है , अनंत इक्षाएं है , खुद को साबित करना , ढेर सारी जिम्मेदारिया |  सभी की इक्षाओं को समेटे मै अपने वैवाहिक जीवन के बारह वर्ष पूर्ण कर चुका था | मेरे माता - पिता का आर्शीवाद है की जीवन में समस्याए तो आती रही लेकिन उस परमपिता ने  सदैव एक दूसरा रास्ता मेरे लिए  सुरक्षित रखा |मैंने अपनी इक्षाओं को देर सवेर पूरा कर ही लिया | और उनमे से एक इक्षा थी पहाडियों में , वादियों में कार ड्राइव करना और कार सीखने के दस वर्ष पश्चात् मेरी यह इक्षा पूरी हुई  परिवार के साथ इटावा से नैनीताल की ट्रिप पर 
क्या मेरा यह टोपिक रोचक रहेगा , आप सभी के  मैसेज का इंतज़ार रहेगा |
धन्यवाद
नगेन्द्र प्रताप सिंह